दर-दर की ठोकर खा रही परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की बेटी

दर-दर की ठोकर खा रही परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की बेटी

दर-दर की ठोकर खा रही परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की बेटी
Posted by: ghazipurlive in ख़बरें, गाजीपुर न्यूज़, सुर्खियां 1 min ago 0 0 Views
ग़ाज़ीपुर| भारत पाक युद्ध में दुश्मनो के पैटर्न टैंकों को तोडकर सेना का सर्वोच्च सम्मान मरणोपरान्त प्राप्त करने वाले शहीद वीर अब्दुल हमीद पर पूरे देश वासियों को फक्र है। दस सितम्बर को परमवीर के पचासवें शहादत दिवस पर लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव सहित कई नामचीन हस्तियां शामिल हुयी थी। उधर अब्दुल हमीद की इकलौती बेटी नाजबुन निशा डीआरडीए गाजीपुर से लिपिक के पद से सेवानिवृत पति शेख अलाउददीन को विभिन्न देयों का भुगतान कराने के लिये जिले के अधिकारियों से लेकर शासन तक गुहार लगा रही है। बुधवार को वे अपने सामाजिक कार्यकर्ता एवं जिला पंचायत सदस्य ब्रज भूषण दूबे से मिलकर अपना दुखडा रोते हुये बयां करते हुए कहा कि हमारा परिवार अब भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। हम डीआरडीए के बाबुओं से लेकर जिला विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और फिर जिलाधिकारी तक दौडकर थक चुके हैं।
नजबुन निशा ने बताया कि हमारे पति फ़रवरी 2014 को जिला ग्राम्य विकास अभिकरण गाजीपुर से लिपिक के पद से सेवा निवृत हुये। उनका पूरा कार्यकाल सराहनीय सेवा के रूप में अभिलेखों में अंकित है किन्तु उनका एसीपी, अवकाश का नकदीकरण, छठां वेतन का एरियर एवं ग्रेच्युटी का भुगतान आज तक नहीं हो पाया। जब मैं सिफारिश करते करते थक गयी तो स्वयं मेरी मां रसूलनबीबी ने एक मार्मिक मेल 01 जून 2015 को प्रदेश के मुख्यमंत्री को किया। जिस पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी स्तर से जबाब मांगा गया था। नाजबुन निशा का कहना था कि डीआरडीए के कतिपय बाबुओं द्वारा सुविधा शुल्क मांगने पर न दिये जाने के कारण ऐसा हो रहा है। शायद हर कार्यालय में सेवानिवृत लोगों से रिश्वत लेकर ही ऐसी देयताओं को प्रदान करने का प्रचलन हो गया है। उन्होने कहा कि अब तो हमारे घर गोराबाजार में समस्त देयकों का भुगतान न होने से चूल्हा न जलने की नौबत आ गयी है। श्री दूबे ने कहा कि वे पूरा मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कमिश्नर एवं जिलाधिकारी आदि को प्रेषित कर देयकों के भुगतान के लिये दस दिन का समय देंगे और ऐसा न होने पर शहीद की बेटी व पीडित परिवार के साथ जिलाधिकारी आवास के सामने सत्याग्रह पर बैठेंगे।